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Best spiritual book
Delivered in safe packaging. Number 1 spiritual book.Everyone must read the book.
N**B
Go , get it
Must have... Namah shivay
R**A
I SUGGEST THIS BOOK
Very nice book
R**R
Love it.
Amazing book.Full of knowledge, rising your self confidence.Took you on a spiritual path.Love it.
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Super
One must have in collection.
Y**R
Good one.
Good quality page. And very nice page.
P**Y
एक दुर्लभ पुस्तक जो आपके जीवन में आध्यात्मिक बदलाव लाएगी।
आज में आपके समक्ष एक ऐसी अद्भुत और दुर्लभ पुस्तक की चर्चा करने वाला हूँ जिसे पढ़ना उतने ही सौभाग्य की बात है जितना अपने जीवन में सदमार्ग पर चलना।मैं आपको बताने का प्रयास करूंगा किAutobiography Of Yogi Bookआपको क्यों पढ़ना चाहिए और क्या परिवर्तन होंगे इसे पढ़ने के उपरांत।🙋🏻♂️ अगर मैं अपना निजी अनुभव सांझा करूँ तो,यह अलौकिक पुस्तक मैंने 23 जनवरी 2015 में Amazon से आर्डर की थी और प्राप्त होने के उपरांत इसी वर्ष पढा भी।तब से मैं इसे बार-बार, फिर एक बार पढ़ता रहता हूँ।स्वयं को सौभाग्यशाली समझता हूँ कि यह पुस्तक मैंने तब पढ़ी जब किसी भी Celebrity द्वारा इसे Promote नही किया गया था।जैसे विराट कोहली, गुरमीत सिंह इत्यादि।पूर्व में यह पुस्तक Steve Jobs, George Harrison, Elvis Presley द्वारा पढ़ी गई और उनके जीवन मे सकारात्मक बदलाव लायी।अब जानते है कि,क्यों पढ़ना चाहिए ?इसमें लिखे जीवन के अविस्मरणीय अनुभव, अद्भुत चमत्कार, योगिक शक्ति, वैज्ञानिक दृष्टिकोण इत्यादि जब आप पढ़ेंगे तो यक़ीनन आपका जीवन भी सकारात्मक बदलाव की ओर अग्रसर होगा।Depression, Anxiety जैसे विकृति से उभरने में और इन्हें पास न आने देने में महत्त्वपूर्ण योगदान होगा।पुस्तक एक आत्मकथा है जिसमें 49 प्रकरण या अध्याय है चित्र सूची के साथ।लगभग 700 पेज की यह पुस्तक हिंदी व अंग्रेजी के अलावा कई भाषाओं में तथा Paperback, Hardcover, Pocket size में उपलब्ध है।अब आप कहेंगे कि 700 पेज 😲 कैसे पढ़ें !!🙋🏻♂️ मेरा सुझाव : आप है दिन केवल 10 पेज पढ़िए70 दिन में पूरी पुस्तक।कोई जल्दी नही है आराम से फोकस होकर पढ़िए।Amazon से इसे आप 99 से 150 रुपये मूल्य में खरीद सकते है या नजदीकी Book Store से।पुस्तक से साभार :-योगानन्दजी की "आत्मकथा" का महत्त्व इस तथ्य के प्रकाश में बहुत अधिक बढ़ जाता है कि यह भारत के ज्ञानी पुरुषों के विषय में अंग्रेज़ी में लिखी गयी गिनी-चुनी पुस्तकों में से एक है, जिसके लेखक महोदय न तो पत्रकार हैं और न कोई विदेशी, बल्कि वे स्वयं वैसे ही ज्ञानी महापुरुषों में से एक हैं - सारांश यह कि योगियों के विषय में स्वयं एक योगी द्वारा लिखी गयी यह पुस्तक है।एक प्रत्यक्षदर्शी के नाते आधुनिक हिन्दू-सन्तों की असाधारण जीवन-कथाओं एवं अलौकिक शक्तियों के वर्णनों से युक्त इस पुस्तक का सामयिक और सर्वकालिक, दोनों दृष्टियों से महत्त्व है।निस्सन्देह उनकी असाधारण जीवन-कथा हिन्दू मन तथा हृदय की गहराइयों एवं भारत की आध्यात्मिक संपदा पर अत्यधिक प्रकाश डालने वाली पश्चिम में प्रकाशित पुस्तकों में से एक है।"इस संसार में योगानन्दजी की उपस्थिति अंधकार के बीच चमकने वाले प्रकाश पुंज की तरह थी। ऐसी महान् आत्मा का इस पृथ्वी पर आगमन विरले ही कभी होता है, जब मानव समाज में वास्तविक आवश्यकता हो।"- महामहिम श्री चन्द्रशेखरेंद्र सरस्वती, शंकराचार्य, कांचीपुरम"हज़ारों पुस्तकें जो हर वर्ष प्रकाशित होती हैं उनमें से कुछ मनोरंजक होती हैं, कुछ शिक्षा प्रदान करती हैं, कुछ ज्ञानवर्धक होती हैं। एक पाठक अपने को भाग्यशाली समझ सकता है यदि उसे ऐसी पुस्तक मिले जो यह तीनों काम कर दे। योगी कथामृत इन सबसे और भी अनुपम है - यह एक ऐसी पुस्तक है जो मन और आत्मा के द्वार खोल देती है।"- इण्डिया जर्नल1977 में श्री श्री परमहंस योगानन्द की महासमाधि की पच्चीसवीं वर्षगाँठ पर भारत सरकार ने, उनके सम्मान में यह अभिनन्दनात्मक डाक टिकट जारी किया।इस डाक टिकट के साथ, सरकार ने वर्णनात्मक पर्चा प्रकाशित किया, जिसका अंश इस प्रकार है:"ईश्वर के लिये प्रेम और मानवता की सेवा का आदर्श परमहंस योगानन्द के जीवन में पूर्ण रूप से व्यक्त हुआ.... यद्यपि उनका अधिकांश जीवन भारत के बाहर व्यतीत हुआ, फिर भी उनका स्थान हमारे महान संतों में है। उनका कार्य पहले से अधिक बढ़ और चमक रहा है, और ईश्वर की तीर्थयात्रा के पथ पर हर दिशा से लोगों को आकर्षित कर रहा है।"Book Reviewer : PawanDubey_a_writer
A**A
Wonderful book
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